अनियमित खानपान एवं जीवन शैली से मूत्र रोग की बढ़ती समस्या: डॉ.कुमार

डॉ.समरेन्द्र पाठक
वरिष्ठ पत्रकार
नयी दिल्ली (एजेसीं)। कहते हैं, इंसान में अगर ज़ज्बा हो तो वह कुछ भी कर गुजारता है,ऐसे ही इंसानों में शामिल हैं,देश के जाने माने मूत्र रोग विशेषज्ञ एवं सफदरगंज अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ अनूप कुमार,जिनके कार्यो की देश ही नहीं दुनियां भर में सराहना की जा रही है।

डॉ.कुमार की अगुआई में छह साल पहले मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ वेलफेयर के पोर्टल से लेप्रोस्कोपिक एवं रोबोटिक सर्जरी का सीधा प्रदर्शन शुरू किया गया,जिसे दुनियां भर में चिकित्सक एवं अन्य लोग देखते हैं।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के ढकदेय गांव निवासी डॉ.कुमार की प्राथमिक शिक्षा दिल्ली में हुयी। इन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कालेज से एम्.बी.बी.एस,एम्स से
एम.एस. एमएच(गोल्ड मेडलिस्ट) एवं एमएनएएमएस से यूरोलॉजी में डी. एन.बी. डिग्री हासिल की।बाद में विदेशों से भी डिग्रियां हासिल की।

ई.भगवान गुप्ता एवं पेशे से शिक्षिका विमला गुप्ता के पुत्र डॉ.कुमार की शादी सुप्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सारिका गुप्ता से हुयी,जो दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में पदस्थापित हैं।इनके एक पुत्र हैं।

लेप्रोस्कोपिक एवं रोबोटिक सर्जरी के संबंध में पूछे जाने पर डॉ.कुमार ने बताया कि हम ने एक इंटरनेशनल वेब कास्ट आज से 6 साल पहले मिनिस्ट्री ऑफ़ हैल्थ वेलफ़ेयर के पोर्टल से शुरू किया था। जिसमें पहले लेप्रोस्कोपिक सर्जरी दिखाते थे,फिर बाद में रोबोटिक सर्जरी को शामिल किया। पहले हम 52 प्रीमियम कॉलेज में शो करते थे।अब 20 देशों  में जाता है। अब तक 425 वेब कास्ट पूरे किए गए हैं, जो एक तरह का रिकॉर्ड है।

डॉ.कुमार ने कहा कि एक किडनी के सहारे भी लंबी आयु तक रहा जा सकता है,लेकिन इसे समय समय पर चेक कराना जरूरी है।उन्होंने कहा कि हमने पहली बार भारत में गवर्नमेण्ट हॉस्पिटल से रोबोटिक किडनी ट्रैंपलेंट ट्रांसमिट किया है।उन्होंने कहा कि हमारी जो वेब कास्ट है,उससे देश ही नहीं विदेशों में भी लोग सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास 10 हज़ार लोगों का समूह है। उन्होंने कहा कि अब भारत भी विकसित देशों से कम नहीं है ।यहाँ भी उन्नत ट्रेनिंग और टेक्नॉलजी है।यही वजह है, कि भारत अब नेतृत्व करने की स्थिति है।

एक अन्य सवाल के जवाब में डॉ.कुमार ने कहा कि  मूत्र रोग एक गंभीर समस्या है। जिसमें कैंसर भी है,जो काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहा है। इसके कई करण हैं।इसमें जेनेटिक कॉम्पोज़िशन में बदलाव आना प्रमुख है। इसके इलावा कुछ ख़ान पान की बीमारियां है,जैसे हाइपरटेंशन एवं डायबटीज़ से कैंसर ज़्यादा होता है। लोग अल्कोहल, स्मोकिंग एवं जंक फ़ूड का सेवन ज़्यादा करते हैं,ये कैंसर को बढ़ावा देते है ।

उन्होंने कहा कि प्रोस्टेट की बीमारी में ट्यूमर के बढ़ने की ज़्यादा समस्या है,जो उम्र के बढ़ने के साथ होती है ।यह समस्या प्रायः50 साल के बाद होती है। इसका समय से इलाज होने से ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि आजकल स्टोन की समस्या भी बढ़ती जा रही है। 

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