अमित श्रीवास्तव
प्रेमनगर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के अंतर्गत ऐसे आवासीय विद्यालयों की परिकल्पना की गई है,जिन्हें जवाहर नवोदय विद्यालय का नाम दिया गया है और ये सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण प्रातिभाओं को आगे लाने में यथा संभव प्रयास करेंगे। यह महसूस किया गया है कि विशेष प्रतिभाशाली बच्चों की फीस देने की क्षमता को ध्यान में न रखते हुए उन्हें गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराकर समुचित अवसर प्रदान किये जायें ताकि वे अपने जीवन में तेजी से आगे बढ़ सके। ऐसी शिक्षा इन ग्रामीण विद्यार्थियों को अपने समकक्ष शहरी विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सहायक होगी। भारत तथा अन्यत्र दी जाने वाली स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नवोदय विद्यालय प्रणाली एक अनूठा प्रयोग है। इस प्रयोग की महत्ता ग्रामीण प्रतिभाशाली बच्चों को लक्ष्य में रखकर किये गए चयन तथा उन्हें आवासीय स्कूल प्रणाली कर अंतर्गत दी जाने वाली सर्वश्रेष्ठ शिक्षा के समान गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के प्रयास में निहित है।
इस परीक्षा का केंद्र प्रेमनगर के बालक उ0 मा0 विद्यालय और कन्या उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय में बनाया गया था। यह क्षेत्र वनांचल क्षेत्र है जहां पिछले वर्ष 319 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे इस वर्ष दोनों केंद्र मिलाकर 733 पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा छात्र इस परीक्षा में शामिल हुए हैं। आज के इस परीक्षा में बालक उ0 मा0 विद्यालय में कुल 362 जिसमें 77 छात्र अनुपस्थित थे और कन्या उ0 मा0 विद्यालय में कुल 371 थे जिसमें 92 छात्र अनुपस्थित हुए। इस परीक्षा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिये प्रेमनगर तहसीलदार अंकिता तिवारी और विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आलोक सिंह के द्वारा समय समय पर निरीक्षण करते रहे। बालक उ0 मा0 विद्यालय में नवोदय विद्यालय से सेंट्रल लेवल ऑब्जर्वर कामिल खलखो ब्लॉक् से ऑब्जर्वर बी0 आर0 सी0 राजेश कुजूर और कन्या में सेंट्रल लेवल ऑब्जर्वर एस0 के0 सुमन और सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रताप पैंकरा को बनाया गया था। जिसके कारण यह परीक्षा शांतिपूर्ण सम्पन्न हुई। इस परीक्षा में ग्रामीण होनहार छात्र छात्राओं ने अपने प्रतिभा को प्रस्तुत करने शामिल हुए। इन केंद्रों से हर साल होनहार बच्चे नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेते हैं। इस परीक्षा बालक उ0 मा0 विद्यालय प्राचार्य रामजी लहरे,कन्या प्राचार्य गंगा राम बघेल, व्याख्याता विपिन पाण्डेय, रामबरन सिंह,ललित रात्रे, कृष्ण कुमार ध्रुव, सुकुल सिंह राठिया, पीताम्बर सिंह, विराज खलखो, पूरन सिंह, ज्योति साव, विनोद रावत, रमेश साहू, नीता रजक, घूरन राम, संदीप एक्का, बीरबल यादव, गौरी शंकर साहू, दिनेश कुमार प्रजापति ,आभा सिंह ,कुमार सिंह मार्तण्ड, गोपाल मैत्री, नर्मदा चौहान,सिजुवेंद्र साव,राकेश कैवर्त आदि ने पर्यवेक्षक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सम्पन्न कराया। इसकी जानकारी व्याख्याता कृष्ण कुमार ध्रुव ने दिया।
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