शासकीय कुक्कुट हेचरी सील, तीन महीने बाद ही तय होगा इसका भविष्य

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अमित श्रीवास्तव

कोरिया: जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर से निकलने वाले एनएच-43 के किनारे तथा शहर के बीच में स्थित शासकीय कुक्कुट हेचरी सील कर दी गई है. गुरुवार को राज्य के पशु विभाग के डायरेक्टर आर प्रसन्ना ने हेचरी का दौरा किया और व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

इससे पहले स्तरीय 3 सदस्यों के दल ने हेचरी के आसपास के सभी क्षेत्रों को सील कर दिया ।अब सरकार हर माह होने वाली जांच के आधार पर तय करेगी कि इसका संचालन शुरू किया जाए या नहीं। इससे पूर्व में समाजसेवी अनुराग दुबे ने शहर के बीचोबीच फैला हुआ है कुक्कुट हटाने की मांग की गई थी उनका आरोप था कि वहां पर विभाग के द्वारा सरकार की पैसे का दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार ही किया जाता है ।

इस संबंध में पशु विभाग के निदेशक आर प्रसन्ना का कहना है कि 3 महीने तक सेंपल टेस्ट में यदि पॉजिटिव नहीं आता है तो इसे दुबारा शुरू कर दिया जाएगा. शहर से हटाए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि आगे से सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा. ऐसी स्थिति से निपटने के उपाय भी किए जा रहे है.

उपसंचालक आरएस बघेल का कहना है कि अब हेचरी पूरी तरह से सील कर दी गई है. 15-15 दिन में इसका सैंपल भोपाल भेजा जाएगा. शहर के बीचोबीच स्थित इस हेचरी को कब शुरू किया जाएगा, इसका फैसला अब सरकार ही करेगी.

आज पशु विभाग के डायरेक्टर आर प्रसन्ना ने सरकारी हेचरी का दौरा किया, उनके साथ जिला कलेक्टर भी मौजूद थे. चारों लोगों ने घूम कर सील किए स्थानों का जायजा लिया, खरगोशों को भी उन्होने देखा. उनके साथ जिला कलेक्टर डोमन सिंह, पशु विभाग के संचालक आरएस बघेल, एएफओ अमर सिंह श्याम, जोगेंन्द्र कुमार चंद्रा और बृजेन्द्र मिश्रा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.

गौरतलब है कि शासकीय हेचरी में बीते दिनों बीमारी फैलने से हजारों की संख्या में बटेर व मुर्गियां मर गयी थीं, जिसके बाद पशु पालन विभाग में हड़कंप मच गया।केन्द्र और राज्य स्तर से टीमें यहां पहुंचीं और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये. हजारों की संख्या में अंडे, चूजे और मुर्गियों को डिस्पोज किया गया।

प्रशासन ने एहतियाती तौर पर शहर में मुर्गियों के मांस व अंडों के विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बावजूद प्रतिबंध का कड़ाई से पालन नहीं कराये जाने के कारण मांस और अंडे की की छिटपुट बिक्री होती रही. हालांकि इसकी वजह से किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई।

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